शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन और अनशन करने से रोकने के लिए अन्ना हजारे को पुलिस ने गिरफ्तार तो कर लिया, लेकिन यह गिरफ्तारी अब सरकार के लिए मुसीबत बन गई है। अन्ना को गिरफ्तार कर जिस तिहाड़ जेल भेजा गया, वहां के कैदी भी उनके समर्थन में आ गया। बुधवार सुबह अन्ना की गिरफ्तारी के विरोध में तिहाड़ के करीब 40 फीसदी कैदियों ने चाय नहीं ली। उनका कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में वे अन्ना के साथ हैं और अनशन करेंगे।
अन्ना ने भी तिहाड़ को ही अनशनस्थल बना लिया है। वह तब तक तिहाड़ छोड़ने पर राजी नहीं हैं, जब तक उन्हें बिना शर्त जेपी पार्क में अनशन पर बैठने की इजाजत नहीं दी जाए। अन्ना के समर्थकों ने फिलहाल तिहाड़ जेल को ही जेपी पार्क बना दिया है। हजारों समर्थक तिहाड़ के बाहर धरने पर बैठे हैं। सरकार अब यह सोच नहीं पा रही कि अन्ना को कैसे राजी किया जाए।
अन्ना के समर्थन में बुधवार को दिल्ली में ऑटो वालों की हड़ताल है। दिल्ली की सभी छह जिला अदालतों में वकील भी हड़ताल कर रहे हैं। दिल्ली की सभी बार एसोसिएशन की कोऑर्डिनेशन कमेटी ने जिला अदालतों में हड़ताल करने का निर्णय लिया है। अन्ना के समर्थक आज इंडिया गेट से संसद भवन तक मार्च भी निकालेंगे। वहीं सुप्रीम कोर्ट में अन्ना और उनकी टीम की गिरफ्तारी की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका दायर किए जाने की उम्मीद है।
हजारे की रिहाई के आदेश मंगलवार रात ही दिल्ली पुलिस की ओर से तिहाड़ जेल प्रशासन को भेज दिए गए थे। पर अन्ना के बाहर ना आने की हठ को देखते हुए तिहाड़ जेल के प्रशासनिक ब्लाक के एक कमरे में अन्ना को ठहराया गया है।
रिहाई आदेश आने के बाद अन्ना हजारे के करीबी सहयोगी मनीष सिसौदिया जेल से बाहर आ गए। उन्होंने मीडिया और वहां उमड़ी भीड़ को सम्बोधित करते हुए कहा, "अन्ना हजारे ने तब तक तिहाड़ जेल से बाहर आने से मना कर दिया है जब तक कि उन्हें जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय उद्यान में अनशन की अनुमति नहीं दे दी जाती।" उन्होंने कहा,"अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल का अनशन जेल के भीतर जारी है। मैं इसलिए बाहर आ गया हूं ताकि लोगों को इस सम्बंध में जानकारी दी जा सके।" इसके बाद मनीष भी जेल के बाहर धरने पर बैठ गए।
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने अन्ना हजारे और उनके सहयोगियों की रिहाई का वारंट भेजा था। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने बताया, "हमने अन्ना हजारे व उनके सहयोगियों की रिहाई का वारंट भेज दिया है।" भगत ने कहा कि अब यह तिहाड़ जेल प्रशासन को फैसला करना है कि वह अन्ना हजारे को कब रिहा करेंगे।
अन्ना को मंगलवार सुबह उस समय हिरासत में ले लिया गया था, जब वह भ्रष्टाचार निरोधी जनलोकपाल विधेयक के समर्थन में अपना प्रस्तावित आमरण अनशन शुरू करने के लिए घर से निकले थे। पुलिस के मुताबिक उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता की दो धाराओं- धारा 107 और 151 के तहत गिरफ्तार किया गया। धारा 107 के तहत किसी भी क्षेत्र में शांति तथा सौहार्द का उल्लंघन करने पर गिरफ्तारी का प्रावधान है। वहीं,धारा 151 के तहत संज्ञेय अपराधों की रोकथाम के लिए किसी भी आशंकित व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है।
हजारे की रिहाई के आदेश मंगलवार रात ही दिल्ली पुलिस की ओर से तिहाड़ जेल प्रशासन को भेज दिए गए थे। पर अन्ना के बाहर ना आने की हठ को देखते हुए तिहाड़ जेल के प्रशासनिक ब्लाक के एक कमरे में अन्ना को ठहराया गया है।
रिहाई आदेश आने के बाद अन्ना हजारे के करीबी सहयोगी मनीष सिसौदिया जेल से बाहर आ गए। उन्होंने मीडिया और वहां उमड़ी भीड़ को सम्बोधित करते हुए कहा, "अन्ना हजारे ने तब तक तिहाड़ जेल से बाहर आने से मना कर दिया है जब तक कि उन्हें जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय उद्यान में अनशन की अनुमति नहीं दे दी जाती।" उन्होंने कहा,"अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल का अनशन जेल के भीतर जारी है। मैं इसलिए बाहर आ गया हूं ताकि लोगों को इस सम्बंध में जानकारी दी जा सके।" इसके बाद मनीष भी जेल के बाहर धरने पर बैठ गए।
इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने अन्ना हजारे और उनके सहयोगियों की रिहाई का वारंट भेजा था। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने बताया, "हमने अन्ना हजारे व उनके सहयोगियों की रिहाई का वारंट भेज दिया है।" भगत ने कहा कि अब यह तिहाड़ जेल प्रशासन को फैसला करना है कि वह अन्ना हजारे को कब रिहा करेंगे।
अन्ना को मंगलवार सुबह उस समय हिरासत में ले लिया गया था, जब वह भ्रष्टाचार निरोधी जनलोकपाल विधेयक के समर्थन में अपना प्रस्तावित आमरण अनशन शुरू करने के लिए घर से निकले थे। पुलिस के मुताबिक उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता की दो धाराओं- धारा 107 और 151 के तहत गिरफ्तार किया गया। धारा 107 के तहत किसी भी क्षेत्र में शांति तथा सौहार्द का उल्लंघन करने पर गिरफ्तारी का प्रावधान है। वहीं,धारा 151 के तहत संज्ञेय अपराधों की रोकथाम के लिए किसी भी आशंकित व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है।
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