देशों में पहले से चल रहा अविश्वास और बढ़ रहा है। यह जानकारी पेंटागन की एक
रिपोर्ट में दी गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार चीन ने तरल ईंधन वाली 'सीएसएस-2
आईआरबीएम' की जगह ठोस ईंधन वाली अत्याधुनिक 'सीएसएस-5 एमआरबीएम' न्यूक्लियर
मिसाइलें तैनात की हैं।
पेंटागन ने चीन की सैन्य ताकत पर यह वार्षिक रिपोर्ट अमेरिकी संसद में पेश की
है। रिपोर्ट के अनुसार भारत-चीन सीमा पर बुनियादी ढांचे को बेहतर करने के लिए
चीन सड़क और रेल नेटवर्क विकास पर बहुत ज्यादा राशि खर्च कर रहा है। इसे
पश्चिमी चीन के विकास तथा चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी को मजबूती देने के
रूप में देखा जा रहा है।
पूर्वी एशिया के लिए सहायक रक्षा उपमंत्री माइकल शिफर ने कहा, 'चीन के इस कदम
से क्षेत्र में अस्थिरता आ सकती है।' चीन हमेशा से पाक को उन्नत हथियार
मुहैया कराता रहा है। कुछ समय पहले ही जे एफ-17 लड़ाकू विमान, एफ-22पी युद्ध
पोत, के-8 ट्रेनर, एफ-7 विमान, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों समेत
कई हथियार और टेक्नोलॉजी पाक ने चीन से लिए हैं। रिपोर्ट के अनुसार दोनों
देशों के बीच हुए इन सौदों ने भारत के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
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